आभासी मुद्रा
Virtualcurrency
दोस्तों आपने भी वर्चुअल शब्द कई बार सुना होगा। वर्चुअल मतलब आभासी। ज्यादातर फिल्मों में इस शब्द का ईस्तेमाल होता है। फिल्मों में आपने देखा होगा कि कुछ स्पेशल सॉफ्टवेयर का उपयोग करके कुछ ऐसा बना दिया जाता है जो हकीकत में इस पूरे ब्रह्माण्ड में है ही नहीं। एक आभासी दुनिया या आभासी पात्र। जिसे हम सिर्फ टीवी या बड़े परदे पर देख सकते हैं। इसी तरह का कॉनसेप्ट आभासी मुद्रा के मामले में भी है।
आईए विस्तार से जानते हैं कि आभासी मुद्रा क्या है, आभासी मुद्रा कितने प्रकार की होती है और आभासी मुद्रा के लाभ और हानि क्या है –
आभासी मुद्रा क्या है
What is Virtual Currency
आभासी मुद्रा वैसी मुद्रा है जो सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध मूल्य का एक डिजिटल प्रतिनिधित्व (Digital Representation) करती है। इसे खास तौर से डिजाईन किए गए सॉफ़्टवेयर, मोबाइल या कंप्यूटर एप्लिकेशन के माध्यम से संग्रहित (Store) और लेन-देन (Transaction) किया जाता है। आभासी मुद्राओं से जुड़े लेनदेन खास एवं सुरक्षित नेटवर्क या इंटरनेट पर होते हैं। आभाषी मुद्राएँ निजी पार्टियों या डेवलपर्स के समूहों द्वारा जारी किए जाते हैं और ज्यादातर अनियमित (unregulated) होते हैं। मतलब यह न तो केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किया जाता है और न ही इसे नियंत्रित नहीं किया जाता है। Bitcoin, Litecoin और XRP आदि आभासी मुद्रा के उदाहरण में शामिल हैं। आभासी मुद्राएँ केंद्रीकृत (Centralized) भी हो सकती है और विकेंद्रीकृत (Decentralized) भी।
आभासी मुद्राएं डिजिटल मुद्राओं का एक सबसेट हैं और इसमें अन्य प्रकार की डिजिटल मुद्राएं शामिल हैं, जैसे कि क्रिप्टोकरेंसी और निजी संगठनों द्वारा जारी टोकन।
आभासी मुद्राओं के लाभ यह है कि इसका लेनदेन काफी तेज गति से किया जा सकता है और इसका उपयोग भी काफी आसान है। जबकि इन आभासी मुद्राओं का नुकसान यह है कि उन्हें हैक किया जा सकता है और इसके निवेशकों को कानूनी सहारा नहीं मिलता है क्योंकि वे विनियमित (unregulated) नहीं होते हैं।
आभासी मुद्रा के प्रकार
Types of Virtual Currency
कानूनी स्थिति या नजरीए से मुख्य रूप से दो प्रकार की आभासी मुद्राएं होती हैं - (1) केंद्रीकृत (Centralized) और (2) विकेंद्रीकृत (Decentralized) ।
आभासी मुद्राओं के लाभ
Advantage of Virtual Currency
1.आभासी मुद्राओं का प्रमुख लाभ इसका सुविधाजनक होना है, क्योंकि इसकी कार्यपद्धति इंटरनेट यानि नेटवर्क पर आधारित होती है। जिसके कारण इन मुद्राओं का तेज़ और आसान तरीके से लेनदेन/भुगतान किया जा सकता है। खासकर अंतरराष्ट्रीय सेवाओं या वस्तु के लेनदेन में आभासी मुद्राओं का उपयोग विशेष रूप से सुविधाजनक है।
2.विकेंद्रीकरण प्रणाली के कारण क्रेडिट/डेबिट कार्ड या बैंक जैसे तीसरे पक्ष की आवश्यकता के बिना दो पक्षों के बीच फंड ट्रांसफर बहुत ही आसानी से हो पाता है।
3.यह लेनदेन की लागत को भी कम करता है, क्योंकि यहाँ न्यूनतम प्रोसेसिंग शुल्क के साथ फंड ट्रांसफर पूरा किया जाता है।
4.केंद्रीय प्रशासक (Central Administrator) की सुरक्षा में हुए चुक से उपयोगकर्ता के संपत्ति को बचाता है।
1.आभासी मुद्राओं पर व्यापक और व्यवस्थित नियम अथवा कानून नहीं हैं, जिसके कारण विश्वस्तर पर लोग इसमें विश्वास करने से डरते हैं।
2.एक केंद्रीय प्रशासक (Central Administrator) का पर्यवेक्षण (Supervision) की कमी के चलते विकेन्द्रीकृत आभासी मुद्राएं अवैध लेनदेन और मनी लॉन्ड्रिंग के अवसर प्रदान करती हैं।
3.केंद्रीय बैंक के प्रभार से बाहर होने के कारण, आभासी मुद्राओं का मूल्य बहुत अस्थिर होता है। इसलिए लोग इसके मूल्य को लेकर बहुत सचेत रहते हैं। उदाहरण के लिए, बिटकॉइन वर्ष 2017 के अंत में लगभग 20,000 डॉलर प्रति यूनिट पर पहुंच गया था। बाद में यह एक साल के भीतर ही घटकर लगभग 3,000 डॉलर प्रति यूनिट हो गया।
4.आभासी मुद्राएं सुरक्षा से संबंधित चिंताओं को भी बढ़ाती हैं। एन्क्रिप्शन तकनीकों में सुधार होने के बावजूद भी, प्रमाणीकरण जानकारी (Authentication information) की चोरी अभी भी संभव है और इससे आभासी मुद्रा के मालिकों/उपयोगकर्ताओं को भारी नुकसान हो सकता है।
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