दोस्तों आपने भी कुछ दिनों पहले सुना होगा कि बिहार के एक लड़के ने गूगल को 51 सेकेन्ड तक हैक कर लिया था, जिससे गूगल की पूरी सर्विस ठप हो गई थी। इसके बाद गूगल की तरफ से इस लड़के को काफी सारा पैसा दिया गया। इसके अलावे और भी कई सारी बातें जो सोशल मीडिया पर ट्रेड करती नजर आई। आप भी जानना चाहते होंगे कि आखिर यह पूरा मामला है क्या? कौन है ये लड़का और क्या करता है? तो आईए आर्टिकल के द्वारा इस खबर को विस्तार से जानते हैं -
कौन है यह छात्र -
इस लड़के का नाम ऋतुराज चौधरी है जो बिहार राज्य के बगूसराय जिले के एक गाँव मुंगेरीगंज का निवासी है। इनके पिता का नाम श्री राकेश कुमार चौधरी है जो पेशे से एक स्वर्ण व्यवसायी हैं और माता का नाम सुनीता जायसवाल है जो कि एक गृहणी हैं।
कैसे ऋतुराज ने गूगल को हिला दिया ?
भारत के इस होनहार छात्र ऋतुराज चौधरी ने अपनी रिसर्च को दौरान विश्व की सबसे दिग्गज आई.टी. कम्पनी गूगल के सर्च इंजन में सुरक्षा से संबंधित खामी जिसे साईबर सुरक्षा क्षेत्र में बग के नाम से जाना जाता है, का पता लगाकर पूरे विश्व में अपने देश का नाम रौशन किया है। इस खामी/बग को ऋतुराज चौधरी ने अपने रिसर्च पेपर, विडियो और सबूतो के साथ गूगल को ईमेल किया और दो से तीन दिनों के बाद गूगल ने ऋतुराज चौधरी को ईमेल का जवाब देते हुए इस शोध को स्वीकार कर लिया। साथ ही ऋतुराज का शुक्रिया अदा किया है और इनकी प्रतिभा को पहचानते हुए अपने रिसर्चर की लिस्ट में इसका नाम शामिल कर लिया है।
गूगल ने ऋतुराज चौधरी को गूगल हॉल ऑफ फेम आवार्ड (Google Hall of Fame Award) से भी सम्मानित किया है। गूगल इस बग को Fix करने में जुट गया है।
बग क्या होता है ?
कंप्यूटर की भाषा में बग एक प्रकार से किसी प्रोग्राम में Coding Error होता है। इस खामी का फायदा उठाकर ब्लैक हैट हैकर उस प्रोगाम या साईट को हैक कर सकते हैं और उसकी सारी गोपनीय जानकारी चुरा सकते हैं।
साइबर सुरक्षा की भाषा में, एक बग को P5 से P0 के पैमाने पर वर्गीकृत किया जाता है। जब एक बग की खोज की जाती है, तो देखा जाता है कि वह किस लेवल का बग है, मतलब वह कितना शक्तिशाली है। इसे से P0 लेवल पर ले जाने के लिए एक बग हंटर की आवश्यकता होती है। P0 का लेवल पर पहुँचने का मतलब है कि इसे पूर्ण रूप से भेदा जा सकता है यानि उस प्रोग्राम या साईट को पूरी तरह हैक किया जा सकता है। । संबंधित संगठन बग हंटर्स से P5 से P0 तक पहुँचने के चरणों की रिपोर्ट देने को कहता है ताकि वह उन खामियों को ठीक कर सके।
ऋतुराज चौधरी ने जिस बग का पता लगाया है, उसे उन्होंने P2 लेवल को मापने वाले खतरे के स्तर को सफलतापूर्वक पार कर लिया है। जब वे P0 के लेवल को पार कर लेंगे तो गूगल की तरफ से उन्हें इस मेहनत के लिए एक बड़ी राशि ईनाम के रूप में दी जाएगी।
ऋतुराज चौधरी की स्कूलिंग और शिक्षा -
ऋतुराज चौधरी की दसवीं तक की पढ़ाई बेगूसराय के संत जेवियर से हुई। फिर आई.आई.टी की तैयारी के लिए कोटा चले गए। वहीं से उन्होंने 11वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी की। फिर इनका सेलेक्शन ट्रिपल आई.टी. मणिपूर (IIIT Manipur) में हुआ। जहाँ अभी ये बीटेक कंप्यूटर साईंस में सेकेण्ड ईयर के छात्र हैं और ऑनलाईन की पढ़ाई कर रहे हैं।
इंजीनियरिंग के इस छात्र ऋतुराज चौधरी का शौक शुरू से ही साईबर सुरक्षा के क्षेत्र में रहा है और वे अपनी बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद साईबर सुरक्षा में विशेष महारत या विशेषज्ञता हासिल करने के लिए इज़राइल या जर्मनी जैसे देशों में जाना चाहते हैं क्योंकि इन दोनों देशों को साइबर सुरक्षा की शिक्षा में मक्का के नाम से जाता है।
ऋतुराज चौधरी एक अच्छे हैकर (वाईट हैट हैकर) बन कर साईबर सुरक्षा के क्षेत्र में बुरे हैकरों (ब्लैक हैट हैकर) से सबकी मदद करने की ईच्छा रखते हैं, जिससे उनके पैरेंन्ट के नाम के साथ साथ बिहार और पूरे भारत का नाम विश्व में रौशन हो।
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